Shikha Arora

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लेखनी कहानी -10-Jun-2022 - नान स्टाप 2022- दीवार


ऊंचे ऊंचे महलों की दीवारे होती ऊंची
झोपड़ी के लोगों पर निगाह रखती नीची।
उन जैसी दीवारों की बात मत करना,
पीठ पर पीछे से किसी के घात मत करना।
विचारों के मतभेद की अहंकारी दीवारें,
प्यार के दामन को भी ये भेदती दीवारें।
घुट न जाए इनके बीच दम किसी का,
रोशनी के लिए खिड़की खुली ही रखना।
माना दीवारों से होती सुरक्षा जहान की,
दो दिलों में बन जाए तो सुरक्षा कहां की।
रिश्तो में दीवार नहीं तुमको है बनना,
हवा निरंतर मिलती रहे इतनी जगह रखना। 
बड़े-बड़े परिवार भी ढह गए दीवारों से,
बुजुर्गों बस खड़े देखते रह गए गलियारों से।
उन टूटे रिश्तो को बांधने वाला सूत्र बनना,
हर आंगन में खिलता एक गुलिस्तान रखना।
जज्बातों से खिलवाड़ कर जाती दीवारें,
भावनाओं का भी दम तोड़ जाती है दीवारें।
रूपए पैसे कीमत की न तुम चाहत रखना,
मोह माया की दीवार से दामन बचाए रखना।।


#नान स्टाप प्रतियोगिता २०२२
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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4 Comments

👌👌

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बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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बहुत खूब

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